सोमवार, 2 मार्च 2015

राणा सांगा (राणा संग्राम सिंह) (राज 1509-1527)

उदयपुर में शिशोदिया राजवंश के राजा थे।
राणा सान्गा का पुरा नाम महाराणा सग्रामसिन्ग था।
राणा सान्गा ने मेवाड मे १५०९ से १५२७तक शासन किया,
जो आज भारत के राजस्थान प्रदेश के रेगिस्थान मे स्थित
है।राणा सान्गा सिसोदिआ(सुर्यवन्शी राजपुत)
राजवन्शी थे।
राणा सान्गा ने विदेशी आक्रमणकारियो के
विरुध सभी राज्पुतो को एकजुट किया।
राणा सान्गा सही मायनो मे एक बहादुर योद्धा व शासक थे,
और जो अपनी वीरता और उदारता के लिये प्रसिध्द हुये।
एक विश्वासघाती के कारण वह बाबर से युध्द हारे लेकिन
अपनी शौर्यता से दूसरो को प्रेरित कीया।
Most Powerful Hindu Ruler Rana Sanga
राणा रायमल के बाद सन १५०९ राणा सान्गा मेवाड के
उत्तरधिकारी बने। इन्होने दिल्ली, गुजरात,व मालवा मुगल
बादशाहो के आक्रमणो से अपने राज्य कि बहादुरी से
ऱक्षा की। उस समय के वह सबसे शक्तीशाली हिन्दू
राजा थे।
Valor of Rana Sanga
इनके शासनकाल मे मेवाड अपनी समृद्धि कि सर्वोच्च ऊचाई
पर था। एक आदर्श राजा की तरह इन्होने अपने राज्य
रक्षाकी ‍ तथा उन्नति की। राणा सांगा अदम्य
साहसी (indomitable spirit) थे एक भुजा,एक आँख
खोने व अनगिनत जख्मो के बावजूद भी उन्होंने अपना महान
पराक्रम नही खोया,सुलतान मोहम्मद शासक माण्डु को युध्द
मे हराने व बन्दी बनाने के बाद उन्हे उनका राज्य
पुनः उदारता के साथ सौंप दिया, यह
उनकी बहादुरी को दर्शाता है।

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